Major Technological Accidents in the World.

AI HUB WORLD
0

TECHNOLOGY से होने वाले हादसे



प्रौद्योगिकी का विकास मानव सभ्यता के लिए वरदान साबित हुआ है, लेकिन इसके साथ-साथ यह कई अप्रत्याशित और गंभीर हादसों का कारण भी बनता रहा है। इन हादसों ने न केवल जीवन और संपत्ति को नुकसान पहुँचाया है, बल्कि तकनीकी प्रणालियों की सीमाओं और मानवीय जिम्मेदारी की आवश्यकता को उजागर किया है। यहाँ कुछ प्रमुख वैश्विक तकनीकी त्रासदियों का विस्तार से विश्लेषण किया गया है:


1. रेलवे कवच प्रणाली की चुनौतियाँ

भारतीय रेलवे में कवच प्रणाली (खासकर एंटी-कॉलिजन सिग्नल प्रणाली ) को ट्रेन टक्करों से बचाने के लिए लागू किया गया है। यह तकनीक ट्रेनों को स्वचालित रूप से नियंत्रित करती है ताकि टकराव की संभावना न हो। लेकिन 

बालासोर ट्रेन हादसा 2 जून 2023 को ओडिशा के बालासोर जिले में हुआ, जिसमें कोरोमंडल एक्सप्रेस और यशवंतपुर-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस आपस में टकरा गई। इस हादसे में 296 लोग मारे गए और 1,200 से ज्यादा लोग घायल हुए।


2. गूगल मैप्स की दिशा-निर्देश समस्याएँ

अमित—बरेली के फरीदपुर में एक शादी समारोह में शामिल होने जा रहे थे। रास्ते में वे भटक गए और गूगल मैप का सहारा लिया, जिसने उन्हें खल्लपुर गांव के पास रामगंगा नदी पर स्थित एक अधूरे पुल की ओर मार्गदर्शित किया। रात लगभग 3:30 बजे, उनकी कार इस अधूरे पुल से नदी में गिर गई, जिससे तीनों की मौके पर ही मृत्यु हो गई। गूगल मैप्स जैसे नेविगेशन टूल्स ने यात्रा को सरल बनाया है, लेकिन इन पर अत्यधिक निर्भरता खतरनाक हो सकती है। 2020 में यूटा, अमेरिका में गूगल मैप्स ने कुछ पर्यटकों को बाढ़ग्रस्त सड़कों पर जाने का मार्ग दिखाया, जिससे उनकी जान जोखिम में पड़ गई। ऐसी घटनाएँ यह संकेत देती हैं कि उन्नत प्रौद्योगिकी भी त्रुटिपूर्ण हो सकती है और इसे सही संदर्भ में उपयोग करना चाहिए।


3. ऑनलाइन भुगतान प्रणाली

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के बढ़ते उपयोग के साथ-साथ धोखाधड़ी की घटनाओं में भी वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2024-25 में, भारतीयों ने UPI धोखाधड़ी में 485 करोड़ रुपये गंवाए, जिसमें 6.32 लाख मामले दर्ज हुए। 

वित्त वर्ष 2023-24 में, UPI धोखाधड़ी की घटनाओं में 85% की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे कुल 13.42 लाख मामले सामने आए।

इंदौर में बढ़ते UPI धोखाधड़ी के मामलों के कारण, व्यापारियों ने UPI पेमेंट लेना बंद कर दिया, जिससे ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

4. डिजिटल धोखाधड़ी

डिजिटल धोखाधड़ी की घटनाएँ भारत में विभिन्न स्थानों पर हो रही हैं विशेष रूप से, 'डिजिटल अरेस्ट' धोखाधड़ी में जनवरी से अप्रैल 2024 तक भारतीयों ने 120.30 करोड़ रुपये गंवाए हैं। इस अवधि में दर्ज साइबर फ्रॉड के 46% मामले दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों—म्यांमार, लाओस और कंबोडिया—से जुड़े हुए हैं। 

वार्धमान ग्रुप के चेयरमैन एसपी ओसवाल को साइबर ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे आरोपों में फंसाकर 7 करोड़ रुपये की ठगी की। 

5. रोबोटिक सर्जरी में त्रुटियाँ

रोबोटिक सर्जरी उपकरणों की विफलता से चिकित्सा क्षेत्र में भी गंभीर हादसे हो सकते हैं। 2015 में कैलिफोर्निया में एक रोबोटिक सर्जरी उपकरण की खराबी के कारण मरीज की मौत हो गई। ऐसी घटनाएँ चिकित्सा तकनीक के क्षेत्र में अधिक सख्त सुरक्षा उपायों की आवश्यकता को दर्शाती हैं।


6. सोशल मीडिया और डेटा लीक घटनाएँ

2018 में कैंब्रिज एनालिटिका स्कैंडल ने दिखाया कि कैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उपयोगकर्ताओं का डेटा गलत तरीके से एकत्रित और उपयोग किया गया। 2021 में लिंक्डइन डेटा लीक ने 700 मिलियन उपयोगकर्ताओं की निजी जानकारी को उजागर किया। ऐसी घटनाएँ डेटा गोपनीयता की सुरक्षा में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करती हैं।


7. सॉफ्टवेयर बग्स के कारण वित्तीय हानि

सॉफ्टवेयर में त्रुटियाँ वित्तीय क्षेत्रों में भी बड़े नुकसान का कारण बन सकती हैं। 2012 में नाइट कैपिटल ग्रुप के ट्रेडिंग सॉफ़्टवेयर में बग के कारण कंपनी को 440 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ। 2018 में टीएसएबीसी बैंकिंग सिस्टम की विफलता के कारण कई ग्राहकों को ट्रांजेक्शन असफलता का सामना करना पड़ा।


8. अपोलो 1 दुर्घटना (1967)

27 जनवरी 1967 को नासा के अपोलो 1 मिशन के दौरान एक प्रशिक्षण सत्र में कमांड मॉड्यूल में आग लगने से तीन अंतरिक्षयात्रियों—वर्जिल "गस" ग्रिसम, एडवर्ड हिगिंस व्हाइट और रोजर बी. चाफी—की मृत्यु हो गई। यह घटना न केवल अंतरिक्ष अभियानों की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न खड़े करती है, बल्कि इसके बाद अंतरिक्ष यान की डिज़ाइन और सुरक्षा प्रोटोकॉल में बड़े बदलाव किए गए। इस दुर्घटना से यह स्पष्ट हुआ कि अत्याधुनिक तकनीकी प्रणालियों में भी आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए प्रभावी उपायों की आवश्यकता है।


9. चैलेंजर अंतरिक्ष यान दुर्घटना (1986)

28 जनवरी 1986 को अमेरिकी अंतरिक्ष यान चैलेंजर लॉन्च के 73 सेकंड बाद विस्फोटित हो गया, जिससे सभी सात अंतरिक्षयात्री मारे गए। इस घटना का मुख्य कारण ठंडे मौसम में रॉकेट बूस्टर की ओ-रिंग सील का विफल होना था। यह दुर्घटना तकनीकी और मानव त्रुटियों के समन्वय के अभाव को दर्शाती है और इसके बाद नासा ने अपने सुरक्षा मानकों में कई सुधार किए।


10. डेटा सेंटर दुर्घटनाएँ

2013 में अमेज़न वेब सर्विसेज (AWS) के डेटा सेंटर में बिजली आपूर्ति में समस्या के कारण कई वैश्विक वेबसाइटें प्रभावित हुईं।

2021 में फेसबुक के डेटा सेंटर में तकनीकी खराबी ने फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम की सेवाओं को वैश्विक स्तर पर ठप कर दिया। ऐसी घटनाएँ डिजिटल संरचनाओं की नाजुकता को दर्शाती हैं।


11. स्वचालित प्रणालियों की विफलता

2018 में उबर की स्वचालित कार ने एरिज़ोना में एक पैदल यात्री को टक्कर मार दी, जिससे उसकी मृत्यु हो गई।

 2019 में बोइंग 737 मैक्स विमानों में स्वचालित नियंत्रण प्रणाली की विफलता के कारण हुए दो बड़े विमान हादसों में सैकड़ों लोगों की जान गई। 

2021 में टेक्सास के स्प्रिंग शहर में एक टेस्ला मॉडल एस कार की दुर्घटना में दो व्यक्तियों की मृत्यु हो गई। दुर्घटना का मुख्य कारण ऑटोपायलट मोड था। 

ये घटनाएँ दिखाती हैं कि स्वचालित प्रणालियाँ कितनी जोखिमपूर्ण हो सकती हैं।


12. औद्योगिक और परमाणु दुर्घटनाएँ

तकनीकी त्रुटियों के कारण औद्योगिक और परमाणु संयंत्रों में बड़े हादसे हुए हैं। 1984 में भारत के भोपाल में यूनियन कार्बाइड संयंत्र से गैस रिसाव के कारण हजारों लोगों की मृत्यु हुई। यह घटना इतिहास की सबसे भीषण औद्योगिक त्रासदियों में से एक है।

2011 में जापान के फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में भूकंप और सुनामी के कारण हुई दुर्घटना ने न केवल स्थानीय विनाश किया, बल्कि वैश्विक परमाणु नीतियों पर गंभीर प्रश्न खड़े किए।


निष्कर्ष

इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि प्रौद्योगिकी के उपयोग में सावधानी और सतर्कता अत्यंत आवश्यक है। नियमित निरीक्षण, प्रभावी सुरक्षा उपाय और त्रुटि प्रबंधन तकनीकी आपदाओं के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं। तकनीकी विकास को मानवता के लिए सुरक्षित और लाभकारी बनाने के लिए निरंतर सुधार और शोध अनिवार्य है।




Tags

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)